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हम भगवान के नाम पर वोट नहीं मांगते : प्रियंका गांधी

अमेठी  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुये कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनकी पार्टी भगवान के नाम पर नहीं बल्कि देश के विकास के लिये मतदाताओं से समर्थन चाहती है।

प्रियंका वाड्रा ने पार्टी उम्मीदवार केएल शर्मा के समर्थन में शुक्रवार को सलोन एवं तिलोई विधानसभा में जनसंपर्क किया। उन्होने कहा “ हम आपसे भगवान के नाम पर वोट नहीं मांगते और ना ही भगवान की कसम दिला कर आपसे वोट देने की बात करते हैं। आज तो भगवान भी चाहेंगे कि आप जागरूक बने। हम आपसे झूठ बोलते नहीं आए हैं,ये कहने नहीं आए हैं कि 13 रुपये किलो चीनी मिलेगी और 15 लाख आपके खाते में आएंगे बल्कि हमने विकास दिया है विकास किया है वही करने आये हैं।”

उन्होने कहा “ आप लोग नेताओं को अच्छी तरह समझते हैं। अब आपको ही उनकी जबाबदेही तय करनी है। भाजपा के लोग धर्म, जाति और मंदिर-मस्जिद के बारे में बात करेंगे लेकिन लोगों से जुड़े वास्तविक मुद्दों के बारे में नहीं करेंगे। आप को उन्हें मजबूर करना पड़ेगा।”

पेपर लीक प्रकरण को सरकार की विफलता बताते हुये उन्होने कहा कि जब कोई बच्चा किसी भर्ती का पेपर देता है तो पेपर लीक हो जाता है तो सिर्फ बच्चे की ही नहीं, मां-बाप की मेहनत भी बर्बाद होती है। अग्निवीर योजना को लेकर प्रियंका ने कहा “ मैंने यूपी में देखा है कि बच्चे सुबह-सुबह सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी करते थे,लेकिन नरेंद्र मोदी ने क्या किया अग्निवीर योजना ले आए। अग्निवीर स्कीम के तहत सेना में युवा 4 साल के लिए भर्ती होंगे और बाद में फिर से बेरोजगार हो जाएंगे।”

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी पूरी तरह से जनता से कट गए है। उनके आसपास देखेंगे तो आपको किसान या गरीब नजर नहीं आएंगे। अमीर और अमीरी उनके आसपास दिखाई देगी। श्री मोदी किसी के घर नहीं जाते लेकिन इंदिरा गांधी लोगों के घर जाती थीं, लोगों से मिलती थीं. यह एक पुरानी परम्परा है, जिसमें नेता समझते थे कि सेवा ही धर्म है. इसलिए पुरानी राजनीति वापस लाओ और नेता को जवाबदेही बनाओ।

प्रियंका वाड्रा ने कहा कि कोरोना काल में भाजपा के लोगों ने आपको भगवान भरोसे छोड़ दिया था ,सब बंद कर दिया बिना व्यवस्था के, लेकिन हम लोग लगे रहे अपने परिवार के लिए कि कैसे आपकी सहायता हो। हमारा रिश्ता राजनैतिक नहीं बल्कि प्रेम का है ये स्वार्थ नहीं बल्कि समर्पण का है। जनता की सेवा और उनकी समस्या का हल ढूंढने के लिए भैया राहुाल नें 4000 किलोमीटर की यात्रा की l आपकी समस्याओं का हल हो सके इसलिए हम अ्तपने घोषणापत्र में न्यायपत्र लेकर आये जिनमें वही घोषणायें हैं जो हमने किया है और कर रकते है।

उन्होने कहा “ मैं जब 17 साल की थी तबसे मैं अमेठी आ रही हूं। उस वक्त चारों तरफ सफेद मिट्टी दिखती थी। ऊसर मिट्टी, जहां खेती नहीं होती थी। अब चारों और हरियाली है।
ये संभव हो पाया , विकास की सोच से, सिंचाई से इस भूमि को कृषि योग्य बनाया गया।”

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