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चर्चित राजू पाल हत्याकांड के छह दोषियों को उम्रकैद

लखनऊ, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने शुक्रवार को चर्चित राजू पाल हत्याकांड के छह आरोपियों को दोष सिद्ध होने के बाद आजीवन कारावास और 11.65 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है।

लखनऊ में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलहसन, रंजीत पाल एवं अब्दुल कवि को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 147, 148, 149, 302, 307, के तहत दोषी ठहराया। फरहान अहमद को भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोषी ठहराया गया।

अदालत में मौजूद छह दोषियों आबिद, फरहान अहमद, जावेद, गुलहसन, रंजीत पाल और अब्दुल कवि को आजीवन कारावास की सजा के साथ कुल 11.65 लाख रु. के जुर्माने की सजा सुनाई गई। बहस के दौरान दोषी इसरार अहमद अदालत में अनुपस्थित रहा, इसलिये अदालत ने उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया एवं उसकी सजा की अवधि अदालत के समक्ष उपस्थिति के समय तक के लिए टाल दी गई।

सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के 22 जनवरी 2016 के आदेश पर आठ अप्रैल 2016 को मामला दर्ज किया था और पूर्व में धूमनगंज पुलिस स्टेशन, इलाहाबाद में दर्ज प्राथमिकी की जांच को अपने हाथों में लिया था।

पुलिस ने धूमनगंज पुलिस स्टेशनर में तत्कालीन विधायक राजू पाल एवं उनके दो सहयोगियों देवी दीन पाल व संदीप यादव की 25 जनवरी 2005 को हत्या के संबंध में अशरफ तथा अतीक अहमद व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया। आरोप था कि दिनाँक 25 जनवरी 2005 को लगभग तीन बजे जब राजू पाल अपने सहयोगियों के साथ घर लौट रहे थे, तो अमित दीप मारुति एजेंसी के पास 7-8 लोगों ने उनके वाहन को रोका और अशरफ एवं अन्य ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

आरोप था कि हत्या माफिया सरगना और तत्कालीन सांसद अतीक अहमद के इशारे पर की गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दायर किया था। बाद में, मामला सीबी-सीआईडी, उत्तर प्रदेश को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसने तीन पूरक आरोपपत्र दायर किए।

शुरू से जांच करने के बाद सीबीआई ने 10 आरोपी खालिद अजीम उर्फ अशरफ, अतीक अहमद, रंजीत पाल, आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलफुल उर्फ रफीक, गुलहसन और अब्दुल कवि के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120-बी के तहत आरोप पत्र दायर किया। आरोपी अतीक अहमद एवं फरहान अहमद पर क्रमशः भारतीय दंड संहिता की धारा 506 व शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी आरोप पत्र दायर किए गए। सुनवाई की कार्यवाही के दौरान, आरोपी गुलफुल उर्फ रफीक की मृत्यु हो गई, इसलिए, उसका नाम विचारण से हटा लिया गया।

अदालत ने दिनांक 20 अक्टूबर 2022 को नौ आरोपियों के विरूद्ध आरोप तय किए। विचारण के दौरान अतीक अहमद एवं अशरफ की मृत्यु हो गई, इसलिए उनके विरुद्ध विचारण हटा लिया गया।

विचारण के पश्चात अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया एवं उन्हे सजा सुनाई।

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