Breaking NewsMain Slidesउत्तर प्रदेश

अब स्कूल संचालक छात्रों से अधिक फीस नहीं ले सकते

कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में संचालित निजी स्कूलों के संचालक अब अभिभावकों से मनमाना शुल्क नहीं ले सकेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला शुल्क नियामक समिति का गठन होगा।

यह समिति शुल्क की निगरानी करने के साथ अभिभावकों की तरफ से मिली शिकायतों का निस्तारण करेगी। जिले में 1500 से अधिक प्राइवेट विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 35 सीबीएसई और दो आईसीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। कई विद्यालय बेहतर पढ़ाई और अत्याधुनिक संसाधन के नाम पर अभिभावकों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। इसके अलावा किताब, कॉपी, बैग, ड्रेस समेत अन्य के नाम पर स्कूल संचालक अभिभावकों से मोटी रकम वसूलते हैं।कई अभिभावकों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन के अलावा शासन स्तर पर कर चुके हैं।

इसको गंभीरता से लेते हुए विधान सभा की सरकारी आश्वासन समिति की बैठक में सभापति ने स्ववित्तपोषित विद्यालय (शुल्क विनियम ) अधिनियम-2020 के तहत जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला शुल्क नियामक समिति के गठन का निर्णय लिया। यह समिति जिले में संचालित प्राइवेट विद्यालयों में लिए जाने वाले शुल्क का ब्योरा रखेगी।

इस संबंध में अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) सुरेंद्र कुमार तिवारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र जारी कर जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला समन्वयक (माध्यमिक) विष्णु प्रभाकर पांडेय ने बताया कि जिले में संचालित प्राइवेट विद्यालयों की तरफ से लिए जाने वाले शुल्क की जांच की जाएगी। यदि अभिभावकों की तरफ से अधिक शुल्क लेने की शिकायत मिलती है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Back to top button